ऐसे करें दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन, घर आएंगी सुख- समृद्धि ! होगा मंगल
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ऐसे करें दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन, घर आएंगी सुख- समृद्धि ! होगा मंगल

दीपावली भारत का एक महतवपूर्ण त्योहार है इस दिन सभी जन लक्ष्मी गणेश श्री विष्णु जी श्री कुबेर जी की पूजा अर्चना कर अपने अन्य वाले समय को खुशहाल समृद्ध बनाने के लिए करते है किन्तु सही विधि से की गई पूजा आपको  आपका मनचाहा फल देने में सक्षम है. इसलिए आज हम आपको ऐसी विधि को अवगत कराएँगे जो आपके जीवन को धन धान्य से परिपूर्ण कर आपको खुशहाल व् समृद्ध करने में मददगार साबित होगी Message :-  Save Tree, Save Life
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मां लक्ष्मी की पूजा में कलावा, रोली, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश के लिए आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी , अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन पूजन सामग्री का इस्तेमाल करें.
पूजन शुरू करने से पहले चौकी को धोकर उस पर रंगोली बनाएं और चौकी के चारों तरफ चार दीपक जलाएं. जिस जगह पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा को स्‍थापित करने जा रहे हैं, वहां पर थोड़ा सा चावल रखकर लक्ष्मी की प्रतिमा को रखें. मां लक्ष्मी को प्रसन्‍न करने के लिए उनके बाईं ओर भगवान विष्‍णु की प्रतिमा को स्‍थापित करें. इनकी पूजा करने से घर की निगेटिव एनर्जी बाहर जाती है और सुख समृद्धि घर में आती है.
पुष्प, फल, सुपारी, पान, चांदी का सिक्का, नारियल (पानी वाला), मिठाई, मेवा, आदि सभी सामग्री थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर दीपावली पूजन के लिए संकल्प लें. सबसे पहले गजानंद की पूजा करें और इसके बाद स्‍थापित सभी देवी-देवताओं का पूजन करें. कलश की स्‍थापना करें और मां लक्ष्मी का ध्यान करें. मां लक्ष्मी को इस दिन लाल वस्‍त्र जरूर पहनाएं.  पूजा के दौरान हुई किसी ज्ञात-अज्ञात भूल के लिए श्रीलक्ष्मी से क्षमा-प्रार्थना करें।

Message :-  Save Tree, Save Life

न मैं आह्वान करना जानता हूँ, न विसर्जन करना। पूजा-कर्म भी मैं नहीं जानता। हे परमेश्वरि! मुझे क्षमा करो। मन्त्र, क्रिया और भक्ति से रहित जो कुछ पूजा मैंने की है, हे देवि! वह मेरी पूजा सम्पूर्ण हो। 
यथा-सम्भव प्राप्त उपचार-वस्तुओं से मैंने जो यह पूजन किया है, उससे भगवती श्रीलक्ष्मी प्रसन्न हों। 
भगवती श्रीलक्ष्मी को यह सब पूजन समर्पित है….

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लक्ष्मी जी की पूजा के समय निम्न मंत्र का लगातार उच्चारण करते रहना चाहिए:

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (Lakshmi Puja Muhurat): शाम 07:11 से लेकर रात को 08: 16 तक

दीपावली के एक दिन पहले यानी इस बार 18 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी पड़ रही है. नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहा जाता है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी, यम चतुर्दशी या फिर रूप चतुर्दशी कहते हैं.
इस दिन यमराज की पूजा करने और उनके लिए व्रत करने का विधान है. माना जाता है कि महाबली हनुमान जी का जन्म इसी दिन हुआ था. इसीलिए आज बजरंगबली की भी विशेष पूजा की जाती है.Message :-  Save Tree, Save Life

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