गेंदा के पत्तों का रस कान में डाला जाए तो यह कान दर्द को खींच लेता है। इसकी पत्तियों को कुचलकर रस तैयार करें और इस रस की २ बूंदों को कान में डालने से दर्द कम हो जाता है।
यदि गेंदा के फूलों को सुखा लिया जाए और इसके बीजों को एकत्र कर मिश्री के दानों
के साथ समान मात्रा (५ ग्राम प्रत्येक) का सेवन कुछ समय तक दिन में दो बार किया जाए तो यह पुरुषों को शक्ति और प्रदान करता है।
के साथ समान मात्रा (५ ग्राम प्रत्येक) का सेवन कुछ समय तक दिन में दो बार किया जाए तो यह पुरुषों को शक्ति और प्रदान करता है।
सूखे हुए गेंदे के फूल को मिश्री के साथ खाने की सलाह उन रोगियों को दी जाती है जिन्हें दमा और खाँसी की शिकायत है।
गेंदा के पत्तों को मोम में गर्म करके ठंडा होने पर पैरों की बिवाई पर लगाने से आराम मिल जाता है, तालु चिकने हो जाते है।
बवासीर के रोगी को यदि गेंदा की पत्तियों का रस, काली मिर्च और नमक का घोल पिलाया जाए तो आराम मिल जाता है।
स्तनों पर खारिश या सूजन होने पर स्तनों पर गेंदे की पत्तियों की मालिश करने से खुजली और सूजन दूर हो जाती है
बर्र द्वारा डंक मारे हुए स्थान पर गेंदे के पत्तो को पीसकर लगाने से तथा पत्तो को पानी में पीसकर व छानकर पिलाने से दर्द और सूजन में शीघ्र लाभ होता है |