Wheat-grass में शरीर के शोधन (cleaning) करने और उसे स्वस्थ्य रखने की अदभुद शक्ति है। गेहूं के जवारों में अनेक अनमोल पोषक तत्व व रोग निवारक गुण पाए जाते हैं, जिससे इसे आहार नहीं वरन् अमृत का दर्जा भी दिया जा सकता है। जवारों में सबसे प्रमुख तत्व क्लोरोफिल पाया जाता है। गेहूं के जवारे रक्त व रक्त संचार संबंधी रोगों, रक्त की कमी, उच्च रक्तचाप, सर्दी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, स्थायी सर्दी, साइनस, पाचन संबंधी रोग, पेट में छाले, कैंसर, आंतों की सूजन, दांत संबंधी समस्याओं, दांत का हिलना, मसूड़ों से खून आना, चर्म रोग, एक्जिमा, किडनी संबंधी रोग, सेक्स संबंधी रोग, शीघ्रपतन, कान के रोग, थायराइड ग्रंथि के रोग व अनेक ऐसे रोग जिनसे रोगी निराश हो गया, उनके लिए गेहूं के जवारे अनमोल औषधि हैं। इसलिए कोई भी रोग हो तो वर्तमान में चल रही चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ इसका प्रयोग कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। wheat grass benefits
Nutrients in Wheat-grass:- Wheat-grass में Chlorophyll (क्लोरोफिल), Vitamins (विटामिन्स), Calcium (केल्शियम), Magnesium (मेग्नीशियम), Iodine आयोडीन, Selenium (सेलेनियम), Iron (लौह), Zinc (जिंक), Minerals (खनिज) जैसे कई प्रकार के पोष्टिक तत्व पाए जाते है, जो हमारे शरिर को स्वस्थ रखने में अहम् भूमिका निभाता है, और साथ ही हमारे शरिर में होने वाले कई प्रकार के रोगों को दूर रखता है | wheatgrassjuice
ज्वारे का रस सामान्यतः 60-120 एमएल प्रति दिन या प्रति दूसरे दिन खाली पेट सेवन करना चाहिये। यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो 30-60 एमएल रस दिन मे तीन चार बार तक ले सकते हैं। इसे आप सप्ताह में 5 दिन सेवन करें। कुछ लोगों को शुरू में रस पीने से उबकाई सी आती है, तो कम मात्रा से शुरू करें और धीरे-धीरे मात्रा बढ़ायें। ज्वारे के रस में फलों और सब्जियों के रस जैसे सेब फल, अन्नानास आदि के रस को मिलाया जा सकता है। हां इसे कभी भी खट्टे रसों जैसे नीबू, संतरा आदि के रस में नहीं मिलाएं क्योंकि खटाई ज्वारे के रस में विद्यमान एंजाइम्स को निष्क्रिय कर देती है। wheat grassjuice powder
पाचक तंत्र को स्वस्थ रखे :- Wheat Grass पाचक का कार्य करता है | इसमे मौजूद क्षारीय खनिज हमारे भोजन को पचाता है, और हमे दस्त, अल्सर, कब्ज आदि बीमारियों से दूर रखता है |
Health benefitsof wheat grass juice in Hindi
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कमजोरी दूर करता है:- इम्यून सिस्टम की कमजोरी से थकान होना और चक्कर आना जाहिर-सी बात है। इम्यून सिस्टम में खराबी कई सारी बीमारियों को बुलावा देती है। व्हीट ग्रास में मौजूद क्लोरोफिल बॉडी में ऑक्सीजन के प्रवाह को सही रखता है। इससे शरीर के लिए जरूरी नये सेल्स का निर्माण होता है। साथ ही, पुराने सेल्स की मरम्मत भी होती है। यह कमजोरी और थकान की समस्या दूर करता है।wheatgrass drink
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आँखों की रोशनी बढ़ाये :- अगर आप चश्मा पहनते है या अगर आपकी आखों की रोशनी कम हो रही हो तो आपको गेहूँ के घास की जूस को कम से कम 1/2 गिलास, week में 2 बार पीना चाहिये, ताकि आपकी आँखों को रोशनी बनी रहे और आपकी eyesight को भी अच्छा बनाये रखने में मदद करता है |wheatgrass nutrition
त्वचा के लिए गेंहू की घास त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। इसका जूस पीने से शरीर के सभी खराब सेल्स की रिपेरिंग होती है और नये सेल्स बनते है जो कि पुराने घाव को भरने में सहायक होते है। इसके साथ ही इसके जूस को रुई की सहयता से चेहरे पर लगाने से पिंपल्स, दाग और चेहरे की झाइया दूर हो जाती है।wheatgrass powder
साइनस की समस्या दूर:- सर्दी-जुकाम की समस्या में सांस लेने में परेशानी होना आम बात है। इससे बचने के लिए व्हीट ग्रास का जूस पीना फायदेमंद साबित हो सकता है। यह म्यूकस की समस्या को दूर करता है। साथ ही, शरीर के ट़ॉक्सिन्स को बाहर निकालकर सांस लेने की परेशानी को दूर करता है।wheatgrass powder benefits
कैंसर से बचाव:- इसमें मौजूद कई सारे मिनरल्स बॉडी को अंदर से साफ करते हैं। इससे ब्लड का सही सर्कुलेशन होता है और ऑक्सीजन का भी प्रवाह बना रहता है। ऑक्सीजन की कमी और कई प्रकार की समस्याएं कैंसर का कारण बनती हैं। इससे बचने के लिए इसका जूस पीना बहुत ही फायदेमंद होता है।organic wheatgrass powder
हीमोग्लोबिन को बढ़ाए:- गेंहू की घास में क्लोरोफिल की अधिक मात्रा पाई जाती है। इस क्लोरोफिल को ग्रीन ब्लड कहा जाता है, यह शरीर में उपस्थित ऑक्सीजन से मिलकर लाल रक्त कोशिकाओ और सफेद रक्त कोशिकाओ के बनने में सहायक होता है। इस वजह से यह शरीर के हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में सहायक होता है। जो कि एनीमिया जैसे रोगो से लड़ने की शक्ति देता है।organic wheatgrass
साथ ही साथ् गेंहू शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को बनाए रखने में भी यह सहायक होता है। रूसी को दूर करने के लिए इसके पाउडर से सिर को धोना चाहिए। इससे रूसी और सिर की खुजली में राहत मिलती है। गेंहू की घास शरीर की प्रजनन शक्ति को बनाए रखने और गर्भधारण में भी मदद करता है। व्हीटग्रास का जूस, हाथ-पैरो के दर्द और सनबर्न को भी दूर करने में सहायक होता है। गेंहू की घास के जूस को मूह में थोड़ी देर तक रखने पर दांतो की सड़न दूर होती है। साथ ही यह दांतो को मजबूती भी प्रदान करते है। गेंहू की घास में उपस्थित क्लोरोफिल, खनिज और विटमिन्स, बवासीर जैसे रोगो में फायदेमंद है। इस समस्या के लिए रोजाना 3 महीनो तक दिन में 2 बार गेंहू की घास का पाउडर आहार के रूप में लेना चाहिए। इसके पाउडर का नियमित सेवन आँखो की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। गेंहू की घास का सेवन करने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते है। साथ ही इसमे उपस्थित विषाणुनाशक, रक्त को साफ करता है जिससे शरीर और पसीने से बदबू नहीं आती है।
health benefits of wheatgrass
अब आप सो़चेगें की यह लाभकारी द्रव्य कहा¡ से प्राप्त होगा वैसे तो बाजारो मे यह आसानी से मिल जाता है’ किन्तु आप इसे घर पर भी आसानी से उगा कर इसका रस प्राप्त कर सकते है
घर पर गेहूँ के ज्वारे के विधि:- रात को सोते समय मुठ्ठी भर गेहूँ एक जग में भिगो कर रख दें। गमलों में मिटटी की डेढ़ दो इंच मोटी परत बिछा दें और पानी छिड़क दें। ध्यान रहे मिट्टी में रासायनिक खाद या कीटनाषक के अवशेष न हों गमले पर रविवार, दूसरे गमले पर सोमवार, इस प्रकार सातों गमलो पर सातों दिनों के नाम लिख दें। how to make wheatgrass juice
अगले दिन गेहुंओं को धोकर निथार लें। मानलो आज रविवार है तो उस गमले में, जिस पर आपने रविवार लिखा था, गेहूँ एक परत के रूप में बिछा दें। गेहुंओं के ऊपर थोड़ी मिट्टी डाल दें और पानी से सींच दें। गमले को किसी छायादार स्थान जैसे बरामदे या खिड़की के पास रख दें, जहां पर्याप्त हवा और प्रकाश आता हो पर धूप की सीधी किरणे गमलों पर नहीं पड़ती हो। अगले दिन सोमवार वाले गमले में गेहूँ बो दीजिये और इस तरह रोज एक गमले में गेहूँ बोते रहें। green grass juice
गमलों में रोजाना कम से कम दो बार पानी दें ताकि मिट्टी नम और हल्की गीली बनी रहे। शुरू के दो-तीन दिन गमलों को गीले अखबार से भी ढक सकते हैं। जब गैहूँ के ज्वारे एक इंच से बड़े हो जाये तो एक बार ही पानी देना प्रयाप्त रहता है। पानी देने के लिए स्प्रे बोटल का प्रयोग करे। गर्मी के मौसम में ज्यादा पानी की आवश्यकता रहती है। पर हमेशा ध्यान रखे कि मिट्टी नम और गीली बनी रहे और पानी की मात्रा ज्यादा भी न हो।
सात दिन बाद 5-6 पत्तियों वाला 6-8 इन्च लम्बा ज्वारा निकल आयेगा। इस ज्वारे को जड़ सहित उखाड़ ले और पानी से अच्छी तरह धो लीजिए। इस तरह आप रोज एक गमले से ज्वारे तोड़ते जाइये और रोज एक गमले में ज्वारे बोते भी जाइये ताकि आपको निरन्तर ज्वारे मिलते रहे।
व्हीटग्रास जूस के फायदे