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आयुर्वेदिक पुस्तकों में वर्णित थायरॉइड का अचूक इलाज! थायरॉइड को जड से ख़त्म करने में सक्षम

डॉक्टरों के अनुसार गले में पाए जाने वाली ग्रंथि Thyroid थायरॉइड से निकलने वाला हार्माेन थायरॉक्सिन हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है। लेकिन अगर किसी वजह से इस हार्मोन का उत्पादन कम या ज्यादा होने लग जाए तो थायरॉइड की समस्या हो जाती है। थायरॉक्सिन का उत्पादन कम होने पर व्यक्ति को हाइपोथायरॉइड (Hypothyroid) और उत्पादन अधिक होने पर हाइपरथायरॉइड (Hyperthyroid) की समस्या हो जाती है।

लक्षण
• वजन का बढ़ना
• बालों का झड़ना (Baldness)
• ठण्ड का सहन नही होना (Intolerance Cold)
• कमजोरी महसूस होना (Weakness in Body)
• स्त्रियों में मासिक रक्तस्त्राव (Extra Discharge During Menses) का अधिक होना
• त्वचा का शुष्क होना (Dry Skin)
• रक्ताल्पता (Anemia) होना
• पेशियों और जोड़ो में दर्द होना, (Pain in the Joints and Muscles)
• बुद्धि की कमी हो जाती है
• सुनाई कम देता है

कारण
तनाव- जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती  है।

एल्कोहल: एल्कोहल यानी शराब़, बीयर वगैरा शरीर में एनर्जी के लेवल को प्रभावित करता है। इससे थाइराइड की समस्या वाले लोगों की नींद में दिक्कत की शिकायत और बढ़ जाती है। इसके अलावा इससे ओस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।


यदि आप अधिक मात्र में आयोडीन का सेवन करते हैं तो भी hyperthyroidism  की समस्या पैदा हो सकती है।दरअसल, हमारी बॉडी थायराइड हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन का प्रयोग करती है और जब उसे ये अधिक मात्र में मिलने लगता है तो हॉर्मोन भी अधिक बनने  लगता है और ये प्रॉब्लम हो जाती है।

वनस्पति घी: वनस्पति घी को हाइड्रोजन में से गुजार कर बनाया जाता है। यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को खत्म करते हैं और बुरे को बढ़ावा देते हैं। बढ़े थाइराइड से जो परेशानियां पैदा होती हैं, ये उन्हें और बढ़ा देते हैं। ध्यान रहे इस घी का इस्तेमाल खाने-पीने की दुकानों में जमकर होता है। इसलिए बाहर का फ्राइड खाना न ही खाएं।


परिवार का इतिहास- यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह थायराइड का सबसे अहम कारण है। 

रजोनिवृत्ति- रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है। जो कई बार थायराइड की वजह बनती है।

उपचार
• हाइपोथयरॉइड के कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए और डॉक्टर से विमर्श करके हाइपोथयरॉइड की दवाई शुरू करनी चहि
• व्यायाम (Exercise): प्रतिदिन एक घंटा हल्का या तेज किसी भी प्रकार का व्यायाम जरूर करें।
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घरेलू नुस्‍खे
• सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar) सेब का सिरका भी थायरॉइड की समस्या से निजात दिला सकता है। इसके डिटॉक्सीफिकेशन (Detoxification) के गुण अल्कालाइन (Alkaline) के संतुलन को बनाकर वजन को घटाते हैं और हार्मोन्स को स्तर ठीक करते हैं। इतना ही नही, सेब का सिरका कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है। एक गिलास गुनगुने पानी में दो चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पीएं। इस पेय में आवश्यकता अनुसार शहद मिला सकते हैं।

• नारियल तेल (Coconut Oil) नारियल तेल में जरूरी फैटी एसिड होते हैं, जो थायरॉइड को नियंत्रित करते हैं। उपचार के लिए रोजाना बनाए जाने वाले खाने में नारियल के तेल का इस्तोल करें। संभव हो तो रोजाना एक गिलास दूध में नारियल तेल को मिलाकर पिएं।

• मछली का तेल (Fish Oil) मछली का तेल थायरॉइड हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है। साथ ही, यह स्वस्थ थायरॉइड फंक्शन को भी बनाए रखता है। मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड काफी अधिक होता है जो कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता हैं। डॉक्टर की सलाह से मछली के तेल के सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।

• विटामिन डी (Vitamin D) विटामिन डी थायरॉइड की समस्या से निपटने के लिए बहुत जरूरी है। इसके लिए रोज कम से कम 15 मिनट धूप में जरूर बैठें। इससे शरीर में कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ती है।

• हाई कैलोरी फूड से बचें (Avoid High Calorie Food) बिस्कुट, मिठाईयां, केक और इसी प्रकार के अन्य खाने की चीजें जो हाई कैलोरीयुक्त होती हैं, उन्हें एकदम अवॉइड करें। इसके साथ ही खाने से सफेद चावल, मैदा, तला हुआ खाना आदि से भी पहरेज करें। इतना ही नहीं चाय और कॉफी की मात्रा भी घटाएं, जिससे हायपोथायरॉइडिज्म में आराम हो।

• अदरक (Ginger) अदरक, जिंक, पोटेशियम, और मैग्नीशियम का अच्छा स्त्रोत है। इसके लिए अदरक की हर्बल चाय को दिनचर्या में शामिल करें। चाय बनाने के लिए उबलते पानी में कुछ टुकड़े अदरक के डालें। अच्छी तरह से उबल जाए तो कुछ देर ठंडा करें। गुनगुना रह जाए तब इसमें शहद मिलाएं और अदरक की इस चाय को पीएं। इस चाय को दिन में दो से तीन बार पिया जा सकता है।

• सर्जरी द्वारा पूरा या थायराइड का कुछ हिस्सा निकाला जाना, जिसे thyroidectomy कहते हैं। इस तरीके में भी व्यक्ति को बाकी की ज़िन्दगी underactive thyroid का इलाज करना पड़ता है।

• तनाव से दूर रहें (Avoid Stress) यदि आप थायरॉइड संबंधी किसी भी परेशानी से ग्रसित हैं तो तनाव बिल्कुल न लें। ऐसा कोई भी कार्य न करें, जो आपको इरीटेट करता हो और आपके तनाव को बढ़ाता हो क्योंकि तनाव से आपकी स्थिति और भी बिगड़ सकती है।

• आयोडीन की मात्रा बढाएं (Increase Iodine) आयोडीन की ऑर्गेनिक इनटेक भी हायपोथायरॉइडिज्म में राहत का काम करती है। आयोडीन के ऑर्गेनिक स्रोतों में प्याज, ओट, टमाटर, लहसुन, बंदगोभी, अनानास और स्ट्रॉबेरी, आदि शामिल हैं। इन खाद्य पदार्थों को रोज के भोजन में शामिल करें।

• काले अखरोट (Black Wallnut) काले अखरोट मिनरल, जैसे कि आयोडीन और मैगनीज के उच्च स्रोत होते हैं। यह मिनरल थाइरॉइड ग्लैंड को समुचित रूप से काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। काले अखरोट को भी रोज खाया जा सकता है।

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