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इन्सेफेलाइटिस उर्फ जापानी बुखार, दिमागी बुखार क्या है, उसके लक्षण व् बचाव के उपाए

गोरखपुर की घटना हमारे देश के लिए अत्यंत दुखद घटना है, इसका मुख्या कारण वह के अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियो का लापरवाह रव्वैया था जिसके कारण वहाँ इतने बच्चों व् लोगो की जान चली गई व् दूसरा कारण वहाँ अपने पैर पसारता (Encephalitisइन्सेफेलाइटिस उर्फ जापानी बुखार भी है. इन्सेफेलाइटिस उर्फ जापानी बुखार एक प्रकार दिमागी बुखार है जो वाइरल संक्रमण की वजह से होता है.यह एक खास किस्म के वायरस से द्वारा होता है, जो मच्छर या सूअर के द्वारा फैलते हैं. या यूं कह लें गंदगी से भी यह उत्पन्न हो सकता है.एक बार यह हमारे शरीर के संपर्क आता है, फिर यह सीधा हमारे दिमाग की ओर चला जाता है. दिमाग में जाते ही यह हमारे सोचने, समझने, देखने और सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है.यह वायरस सिर्फ छूने से नहीं फैलता.ज्यादातर 1 से 14 साल के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के लोग इसकी चपेट में आते हैं. मेननजाइटिस और एईएस भी एक तरह का मस्तिष्क ज्वर होता है। इस तरह का बुखार पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क की कार्य प्रणाली या उसकी जागरुकता को 14 दिन में प्रभावित कर देता है। इसका प्रकोप साल के तीन महीने अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में अपने जोरों पर होता है


क्या दिमागी बुखार (इन्सेफेलाइटिस) के लक्षण हैं?

1. लाल आंखें, थकान

2. 40 डिग्री (शायद अधिक) के लिए ऊपर 1. तापमान।बच्चे के व्यवहार की बीमारी के लिए अलग-अलग सहिष्णुता के आधार पर अलग अलग हो सकते हैं।कुछ बच्चों को दूसरों समाप्त हो रहे हैं, जबकि सुस्त, लगातार सो रही है, लगातार रोना उत्तेजना हो सकता है।मेनिनजाइटिस शरीर कांप का कारण बनता है।सरल antipyretics नहीं किया जा सकता तापमान नीचे लाने के लिए है, तो आप पेशेवर मदद की जरूरत है।

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3. छोटों के शरीर पर चकत्ते स्पष्ट दिखाई देता है।उल्टी और मतली भड़काती जो

4. गंभीर सिर दर्द,।
5. सही ढंग से बच्चे दिमागी बुखार है कि क्या पता लगाया है, पंचर द्रव रीढ़ की हड्डी से लिया जाता है।यह पीले या दूधिया है जहां मामलों में, सही रूप में दिमागी बुखार का निदान करते हुए रक्त ग्लूकोज, कमी आई है, ल्यूकोसाइट्स पार हो गई।

6. चिड़चिड़ापन ।
7. त्वचा पीली और नीले रंग बन जाता है। हाथों पैरों में अकड़न 
8. चिंता, उत्तेजना, थकान।
9. भूख कम करता है।
10.  सांस की तकलीफ की उपस्थिति, श्वास quickens।
11. पल्स quickens।

Encephalitis इन्सेफेलाइटिस से बचाव के उपाय:- 
बदलते मौसम खासकर सर्दियों में अपने इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाएं। इसके लिए आप नियमित रूप से व्यायाम करें। 
यदि आपको कानों की कोई समस्या है तो उसका तुरंत इलाज करवाएं। कानों में दर्द या कोई समस्या से भी आप दिमागी बुखार के वायरस की चपेट में आ सकते हैं। 
गंदे पानी के संपर्क में आने से बचना होगा. 
सामान्य से ज्यादा एल्कोहल का सेवन ना करें, इससे आपमें दिमागी बुखार होने की आशंका सामान्य से दुगुनी बढ़ जाती है। 
मच्छरों से बचाव घरों के आस पास पानी न जमा होने दें. 
बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खान-पान दें. 
यदि आपके क्षेत्र में दिमागी बुखार फैला हुआ है तो मास्क का प्रयोग करने में ना शरमाएं। 

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