सहजन के फायदे सुनकर चौंक जाएंगे आप
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सहजन के फायदे सुनकर चौंक जाएंगे आप

सहजन की पत्तियों में विटामिन `ए` व `सी` कैरोटिन और एस्कॉर्बिक एसिड के रूप में बहुत मिलता है। इसकी 100 ग्राम पत्तियों में लगभग 7 ग्राम कैरोटिन होता है, जिसे हमारा शरीर विटामिन `ए` में बदल देता है, जो आंखों के रोगों के लिए जरूरी होता है। इसकी मुलायम हरी पत्तियों की सब्जी बनाकर सेवन कर सकते हैं। इसकी पत्तियों को दूसरी सब्जी के साथ मिलाकर भी पका सकते हैं। इसकी सब्जी खाने की ओर कम लोगों का ध्यान जाता है, लेकिन इसके गुण देखते हुए इसकी सब्जी अधिक खानी चाहिए। यह चटपटा, गर्म, मीठा, हल्का, जलन को शांत करता है, भूख को बढ़ाता है, बलगम को नष्ट करता है, वातनाशक, वीर्यवर्धक, फोड़े-फुंसी को खत्म करता है, गण्डमाला, गुल्म, प्लीहा तथा विद्रधि नाशक है तथा दस्त अधिक लाता है, सहजन के बीज आंखों के लिए लाभकारी तथा सिरदर्द दूर करने वाला है।

: विभिन्न रोगों में सहायक

नपुंसकता : सहजन के फूलों को दूध में उबाल कर रोजाना रात को मिश्री मिलाकर पीने से नपुंसकता दूर होती है। सहजन की जड़ की छाल, संतरे के छिलके और जायफल की मद्यसारायी रस की 10-15 बूंद सुबह-शाम सेवन करने से स्नायु की कमजोरी मिट जाती है। सहजन के फूल की सब्जी का सेवन करने से शरीर की शक्ति बढ़ती है।

गुर्दे की पथरी : सहजन की जड़ का काढ़ा बनाकर गुनगुना करके पीने से पथरी रोग ठीक होता है। सहजने की सब्जी बनाकर खाने से गुर्दे व मूत्राशय की पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है। सहजन तथा वरुण की छाल का काढ़ा बनाकर उस में लगभग आधा ग्राम यवक्षार को मिलाकर रोजाना सुबह-शाम पीने से पथरी जल्द घुलकर निकल जाती है।
 4 से 8 मिलीलीटर सहजन के नये पेड़ की जड़ की छाल के काढ़े में सुबह-शाम हींग और सेंधा नमक के साथ मिलाकर सेवन करने से यकृत (जिगर) का बढ़ना रुक जाता है।
संतरे की छाल, सहजन की जड़ की छाल तथा जायफल की मद्यसारीय रस की लगभग 10 से 15 बूंद रोजाना देने से पक्षाघात (लकवे) में बहुत लाभ मिलता है।

पेट के कीड़ों के लिए : सहजन के फलों की सब्जी को खाने से भूख बढ़ती हैं, यह प्लीहा (तिल्ली) और कीड़ों को समाप्त करता है। फोड़े-फुंसियों के लिए : फोड़ा चाहे जैसा भी हो वह न पकता हो और ना ही फूटता हो तो सहजने की सब्जी खाने को दें और इसके पत्तों का रस और जड़ की छाल का लेप बनाकर फोड़े पर बांध दें। इसकों बांधने से फोड़ा बैठ जाता है। सहजन के पेड़ की पत्तियों का 3 चम्मच रस रोजाना सेवन करने से मोटापा धीरे-धीरे घटने लगता है।

सहजन की छाल का काढ़ा बनाकर गरारे करने से मुंह के छाले, पीड़ा आदि खत्म होती है। सहजन के कोमल पतों का साग खाने से कब्ज दूर होकर शौच खुलकर आती है। दांतों में कीडे़ और दर्द : दांतों में कीड़े लग जाने व तेज दर्द होने पर सहजन की छाल का काढ़ा बनाकर दिन में 2 या 3 बार कुल्ला करने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द में आराम रहता है।
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1 चम्मच सहजन की छाल का रस और 1 चम्मच गाय के घी को एक साथ मिलाकर रोजाना एक बार बच्चों को पिलाने से सिर्फ 3 दिन में ही बच्चों का बढ़ा हुआ पेट ठीक हो जाता है। चम्मच सहजन की पत्ती का रस सिर्फ 3 दिन तक पिलाने से ही बच्चों का बढ़ा हुआ पेट ठीक हो जाता है। 37. खून की कमी : सहजन की पत्तों को तोड़कर उसकी सब्जी बनाकर खाने से शरीर में लौह (आयरन) तत्व की कमी दूर होती है तथा शरीर में खून की कमी के कारण होने वाली बीमारी खत्म होती है।

सहजने की थोड़ी-सी पत्तियों को पीसकर घाव पर लगाने से घाव ठीक हो जाता है। घाव की सूजन पर सहजन की छाल पीसकर लेप करे और 5 ग्राम से 10 ग्राम छाल पीसकर सुबह शाम पीते रहने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है। 13. भगन्दर : सहजने का काढ़ा बनाकर उस में हींग और सेंधा नमक डालकर पीने से भगन्दर के रोग मे लाभ होता है। सहजन के पेड़ की छाल का काढ़ा भी पीना भी भगन्दर रोग में लाभकारी होता है।

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