
लक्षण – हार्निया की प्रारंभिक स्थिति में पेट की दीवार में कुछ उभार सा पैदा हो जाता है | इस आगे बढ़ी हुई आंत को धीरे से पीछे भी धकेला जा सकता है | परंतु इसे अधिक जोर लगाकर पीछे धकेलने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए |
हार्निया का घरेलू उपचार – एक्यूपंक्चर: हर्निया के दर्द में एक्यूपंक्चर काफी आराम पहुंचाता है। खास नर्व पर दबाव से हर्निया का दर्द कम होता है।
हावथोर्निया: यह एक हर्बल सप्लीमेंट है जो पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और पेट के अंदर के अंगों की सुरक्षा करती है। यह हर्निया को निकलने से रोकने में काफी कारगर है। हावथोर्निया में Citrus Seed, Hawthorn और Fennel मिली होती है।
मुलैठी: कफ, खांसी में मुलैठी तो रामबाण की तरह काम करता है और आजमाय हुआ भी है। हर्निया के इलाज में भी अब यह कारगर साबित होने लगा है, खासकर पेट में जब हर्निया निकलने के बाद रेखाएं पड़ जाती है तब इसे आजमाएं।
अदरक के जड़: अदरक की जड़ पेट में गैस्ट्रिक एसिड और बाइल जूस से हुए नुकसान से सुरक्षा करता है। यह हर्निया से हुए दर्द में भी काम करता है।
बबूने का फूल: पेट में हर्निया आने से एसिडिटी और गैस काफी बनने लगती है। इस स्थिति मेंम बबूने के फूल के सेवन से काफी आराम मिलता है। यह पाचन तंत्र को ठीक करता है और एसिड बनने की प्रक्रिया को कम करता है।
मार्श मैलो: यह एक जंगली औषधि है जो काफी मीठी होती है। इसके जड़ के काफी औषधीय गुण हैं। यह पाचन को ठीक करता है और पेट-आंत में एसिड बनने की प्रक्रिया को कम करता है। हर्निया में भी यह काफी आराम पहुंचाता है।
बर्फ: बर्फ से हर्निया वाले जगह दबाने पर काफी आराम मिलता है और सूजन भी कम होती है। यह सबसे ज्यादा प्रचलन में है।
अरंडी के तेल को एक कप दूध में डालकर पीने से हर्निया ठीक हो जाता है | इसका प्रयोग एक मास तक करें |
कॉफी के प्रयोग से भी बढ़ी हुई आंत का फोड़ा ठीक हो जाता है |